थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ;
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ;
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें;
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
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