जाने कहाँ थे और और चले थे कहाँ से हम;
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम;
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर;
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
Download Hindi Shayari with Images App: https://goo.gl/2mYSda
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम;
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर;
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
Download Hindi Shayari with Images App: https://goo.gl/2mYSda
No comments:
Post a Comment